डायबिटीज को लेकर लोगों के मन में तरह-तरह के सवाल आते हैं। जिनका जवाब उन्हें विस्तार से नहीं मिल पाता। लेकिन हमने अपने इस आर्टिकल के माध्यम से हमने डायबिटीज से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सवाल और उनके जवाब देने की कोशिश की है।
क्या डायबिटीज अनुवांशिक रोग हैं?
हां डायबिटीज एक अनुवांशिक रोग है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि अन्य लोगों को डायबिटीज का खतरा नहीं होता। अनुवांशिकता डायबिटीज का एक बड़ा कारण है। अगर आपके माता-पिता में से किसी एक को भी डायबिटीज है, तो आपको डायबिटीज होने की संभावना 25 प्रतिशत बढ़ जाती है। लेकिन अगर दोनों को डायबिटीज है तो यह संभावना 50 प्रतिशत बढ़ जाती है। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि डायबिटीज केवल अनुवांशिक रोग ही हैं। जिन लोगों के परिवार में किसी को भी डायबिटीज नहीं है उन्हें भी मोटापा, आलस्य, तनाव, ब्लड प्रेशर की बीमारी आदि के कारण डायबिटीज हो सकता हैं।
ब्लड शुगर की सामान्य मात्रा कितनी होनी चाहिए?
खाली पेट ब्लड में शुगर की सामान्य मात्रा 70 से 110 mg/dl होती हैं। खाना खाने के बाद की ब्लड शुगर की सामान्य मात्रा 140 से 160 mg/dl होती हैं। खाली पेट शुगर का टेस्ट करने के लिए आपको कम से कम 8 से 10 घंटा भूखे पेट रहना आवश्यक होता हैं। खाली पेट शुगर का टेस्ट सुबह के समय करना चाहिए। जबकि खाना खाने के बाद की शुगर टेस्ट करने के लिए सुबह का खाना खाने के 2 घंटे ब्लड का सैंपल देना चाहिए।
क्या डायबिटीज की दवा जिंदगी भर लेनी होती हैं?
जी हां, डायबिटीज के हर रोगी को जीवनभर दवा लेने की आवश्यकता होती हैं। क्योंकि डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता हैं लेकिन इसे जड़ से खत्म करना फिलहाल मुमकिन नहीं हैं !क्या कोई समस्या नहीं होने पर भी डायबिटीज की दवा लेनी चाहिए?
डायबिटीज के लक्षण बहुत कम देखने को मिलते हैं।
क्योंकि डायबिटीज दीमक की तरह आपके शरीर को खोखला कर देती है, यानी यह आपके शरीर के महत्वपूर्ण अंगों जैसे दिल, किडनी, नर्वस, लीवर आदि को नुकसान पहुंचाता है। लेकिन दवा के द्वारा डायबिटीज को नियंत्रित करके हम शरीर के महत्वपूर्ण अंगों पर होने वाले दुष्परिणाम को दूर कर सकते हैं।
क्या डायबिटीज की दवा जीवनभर लेने से शरीर कोई नुकसान तो नहीं होता हैं?
डायबिटीज की दवा शरीर के लिए सुरक्षित होती है और उनका कोई विशेष दुष्परिणाम देखने को नहीं मिलता हैं। हां कुछ लोगों को डायबिटीज की दवा लेने से गैस की समस्या हो सकती है।
ब्लड में शुगर बढ़ने के क्या लक्षण होते हैं?
ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ने पर वजन में कमी आना, अधिक भूख लगना, अधिक प्यास और मुंह सूखना, बार-बार पेशाब लगना खासतौर में रात के समय, हाथ और पैर में चीटिया चलने जैसा महसूस होना, जल्दी थकावट होना,कमजोरी महसूस होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
ब्लड में शुगर की मात्रा कम होने के क्या लक्षण हैं?
ब्लड में शुगर कम होने पर सबसे पहले आपको बहुत भूख लगती है, बाद में पेट में जलन, चक्कर, पसीना, धड़कन तेज होना, बोलने में कठिनाई, अंत में आपको बेहोशी महसूस होना आदि लक्षण देखने को मिलते हैं।
डायबिटीज के रोगी को कौन से फल खाने चाहिए?
डायबिटीज के रोगी सेब, नाशपती, अनार, पपीता, किवी और तरबूज खा सकता हैं। लेकिन डायबिटीज के रोगी को आम,शरीफा, चीकू, केला, मौसमी, अंगूर, पाईनएप्पल और स्ट्रॉबेरी नहीं खानी चाहिए। ड्राई फ्रूट में उन्हें बादाम, काजू, अखरोट और पिस्ता खाना चाहिए और किशमिश, अंजीर और खजूर जैसे ड्राई फ्रुट नहीं खाने चाहिए।
नियमित आहार लेते समय समय क्या सावधानी लेनी चाहिए?
आप सभी सब्जियां का अपने आहार में ले सकते हैं। लेकिन चावल और आलू खाने से बचना चाहिए।
सभी मिठाई या बेकरी पदार्थ से परहेज करना चाहिए। अगर आप मांसाहार लेते हैं तो आप चिकन, मछली और अंडे खा सकते हैं लेकिन लाल मीट नहीं खाना चाहिए। मीठे बिस्किट नहीं खाना चाहिए। तला हुआ और अधिक मसालेदार आहार नहीं खाना चाहिए। अपने आहार में नमक और तेल का कम इस्तेमाल करे।
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