अर्थराइटिस यानी गठिया जोड़ों की बीमारी है। अर्थराइटिस की शिकायत होने पर चलने में तकलीफ, जोड़ों में दर्द की शिकायत होती है। हालांकि यह बीमारी उम्रदराज लोगों को होती है, लेकिन बदली हुई लाइफस्टाइल के कारण इसकी चपेट में वर्तमान में युवा भी आ रहे हैं। अर्थराइटिस का दर्द इतना तीव्र होता है कि व्यक्ति को चलने–फिरने और यहां तक कि घुटनों को मोड़ने में भी बहुत परेशानी होती है। लेकिन आहार में कुछ खाद्य पदार्थों को शामिल कर आप इस समस्या से बच सकते हैं।
कारण
1 फास्ट फूड, जंक फूड और डिब्बाबंद खाना खाने से भी गठिया रोग हो सकता है।
2 ज्यादा गुस्सा आने की प्रवृति और ठंठ के दिनों में अधिक सोने की आदत से भी गठिया हो सकता है।
3 आलसी व्यक्ति जो खाना खाने के बाद श्रम नहीं करते हैं उन्हें भी गठिया की शिकायत हो सकती है।
4 वसायुक्त भोजन अधिक मात्रा में खाने से भी गठिया रोग हो सकता है।
5 जिन लोगों को अजीर्ण की समस्या रहती है और अधिक मात्रा में खाना खाते हैं, इस वजह से भी गठिया रोग हो सकता है।
6 वैदिक आयुर्वेद के अनुसार दूषित आम खाने की वजह से भी गठिया रोग हो सकता है।
क्या न खाएं
अल्कोहल और सॉफ्ट ड्रिंक के सेवन से बचें: वैसे तो गठिया से पीडित व्यक्तियों को ढेर सारा पानी पीने और तरल पदार्थों का सेवन करने को कहा जाता है, लेकिन अगर वे अल्कोहल और सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन करते हैं तो उनकी समस्या और भी बढ़ सकती है। अल्कोहल खासकर बीयर शरीर में यूरिक एसिड के लेवल को तो बढ़ाता ही है और तो और शरीर से गैर जरूरी तत्व निकालने में शरीर को रोकता है। अगर आप बीयर पीने के आदी हैं तो डॉंक्टर की सलाह लेकर एक या दो ड्रिंक ले सकते हैं। उसी तरह सॉफ्ट ड्रिंक खासकर मीठे पेय या सोडा से बचें, क्योंकि इसमें फ्रेक्टोस नामक तत्व होता है, जो यूरिक एसिड के बढ़ने में मदद करता है। 2010 में किए गए एक शोध से यह बात सामने आई है कि जो लोग ज्यादा मात्रा में फ्रेक्टोस वाली चीजों का सेवन करते हैं, उनमें गठिया होने का खतरा दोगुना हो जाता है।
क्या खाएं
गाजर, शकरकंद और अदरक का सूप पिएं
गठिया परेशान कर रही है तो जड़ों वाले फल और सब्जियां जैसे गाजर, आलू, शकरकंद या दूसरे फल खाएं। आप अदरक का सूप भी पी सकते हैं। इनमें प्यूरिन की मात्रा काफी कम होती है।
मीट की जगह चिकन खाएं
वैसे तो गठिया में मीट से परहेज करना चाहिए, लेकिन अगर आप कई लोगों के साथ बैठे हों और वे आपसे मीट खाने की जिद करने लगें तो आप मना भी नहीं कर सकते। ऐसे में आप मीट की जगह चिकन खाएं, क्योंकि इसमें मीट की तुलना में कम प्यूरिन पाया जाता है।
कॉर्नफ्लेक्स, लो-फैट मिल्क और बेरी
अपने सुबह की शुरुआत सिरीयल से करें। सुबह नाश्ते में कॉर्नफ्लेक्स की एक कटोरी में कुछ बेरी मिलाकर खाएं।
कद्दू खाएं
कद्दू में खूब सारा कैरोटीन होता है जो जोड़ों की सूजन को कम करता है।
लहसुन का सेवन
लहसुन रक्त शुद्ध करने में सहायक है। अर्थराइटिस के कारण रक्त में यूरिक एसिड बहुत अधिक मात्रा में बढ़ जाता है। लहसुन के रस के प्रभाव से यूरिक एसिड गलकर तरल रूप में मूत्रमार्ग से बाहर निकल जाता है।
पालक
पालक का साग अन्य रोगों में गुणकारी होता है क्योंकि इसमें लोह तत्व की मात्रा अधिक होती है। जो खून की कमी को दूर करता है, इसके बावजूद पालक, गठिया के लिए हानिकारक है। पालक में ऑक्जेनिक एसिड व कैल्शियम अधिक मात्रा में पाया जाता है। जिससे गठिया के रोगियों में पालक के सेवन से जोड़ो में यूरिक एसिड और कैल्शियम का संचय अधिक होने लगता है।
बथुआ
बथुआ के ताजा पत्तो का रस पंद्रह ग्राम प्रतिदिन पीने से गठिया दूर होता है।इस रस में नमक चीनी आदि कुछ न मिलाएं।नित्य प्रात: खाली पेट ले या फिर शाम चार बजे। इसके लेने के आगे पीछ दो-दो घंटे कुछ न लें। एक-दो मास लें।
योग और व्यायाम
सूजे हुए जोड़ का व्यायाम, सूजन को बढ़ा सकता है और दर्द अधिक कर सकता है. जोड़ को इसके घुमाव की सीमा में धीरे-धीरे घुमाना कभी कभी जकड़न से बचाव कर सकता है।
व्यायाम जैसे कि टहलना, तैरना, नाचना और साइकिल चलाना वजन को नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है।
स्ट्रेचिंग वाले व्यायाम शरीर में यूरिक एसिड बनना कम करते हैं।
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