चिकन पॉक्स के घरेलू उपाय - daily health letters,relationship,health information,natural remedies,pregnancy symptoms

Tuesday, September 12, 2017

चिकन पॉक्स के घरेलू उपाय

चिकन पॉक्स जिसे भारत में छोटी माता के नाम से जाना जाता है हमारे यहां के लोग इसे धर्म से जोड़ते है। पर यह वायरस से फैलनेवाली एक संक्रामक बीमारी है।यह काफी सक्रमित लोगों को छूने या उनके बीच में रहने से ही हमारे शरीर पर जाती है।चिकन पॉक्स जिसे भारत में छोटी माता के नाम से जाना जाता है हमारे यहां के लोग इसे धर्म से जोड़ते है। पर यह वायरस से फैलनेवाली एक संक्रामक बीमारी है।





यह काफी सक्रमित लोगों को छूने या उनके बीच में रहने से ही हमारे शरीर पर आ जाती है। इस रोग से अधिकांशत: छोटे बच्चे ग्रसित होते हैं। यह रोग जब किसी व्यक्ति को होता है, तब इसे ठीक होने में 10 से 15 दिन लग जाते हैं। किंतु रोग के कारण चेहरे आदि पर जो दाग़ पड़ जाते हैं, उन्हें ठीक होने में लगभग पाँच या छ: महीने का समय लग जाता है। यह रोग अधिकतर बसन्त ऋतु या फिर ग्रीष्म काल में होता है। यदि इस रोग का उपचार जल्दी ही न किया जाए तो रोग से पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।



लक्षण


संक्रामक बीमारी चिकन पॉक्स के शुरूआती दिनों में बच्चे को पैरों में दर्द होने के साथ पहले हल्का सा बुखार आता है। इसके अलावा हल्की खांसी, सिर में दर्द, भूख ना लगना, थकान का बढ़ना, उल्टियां आदि जैसी शिकायतें हमें देखने को मिलती है। इन लक्षणों के 24 घंटें के अंदर ही आपके बच्चे के पेट या पीठ पर हल्के लाल दाने एक या दो देखने को मिलेंगे। जो धीरे धीरे विकराल रूप धारण कर लेते है

कारण


चिकन पॉक्स के फ़टे दानों के संपर्क में आने पर आपको भी ये बीमारी हो सकती है।
प्रतिरोधक क्षमता का कमज़ोर होना
हर्पीस जोस्टर (herpes zoster) की वजह से यह बीमारी हो सकती है।
हवा में पैदा होने वाली पानी की बूँदों से भी चिकन पॉक्स की समस्या उत्पन्न हो सकती है।



उपचार


खान-पान का ध्यान रखें। खुले में रखा खाद्य पदार्थ बिल्कुल भी लें।

बच्चा यदि बीमार है तो उसे स्कूल भेजें ताकि दूसरे बच्चे इस संक्रमण की चपेट में आएं।

चूंकि भूख का लगना चेचक की एक सामान्य लक्षण है, इससे आम तौर पर निर्जलीकरण भी हो जाता है। इस समस्या से बचने के लिए, और कुछ आवश्यक पोषक तत्वों को लेने के लिए, सुनिश्चित करें कि मरीज को प्रतिरक्षा को मज़बूत करने वाला ढेर सारा रस उसके शरीर को मिल रहा हो।


सुबह सबसे पहले एक गिलास नर्म नारियल पानी पिये। यह भी महत्त्वपूर्ण विटामिन और खनिजों से भरा होता है, शून्य कैलोरी होने की वजह से ये शरीर को डंडा और प्रतीक्षा प्रणाली को मज़बूत बनता है।

चिकन पॉक्स  में  मरीज को तीखी, मसालेदार, तली-भुनी और नमक वाली चीज खानेके लिए दें क्योंकि  इससे फुंसियो में  खुजली बढ़ सकती है। उसके खाने में  सूप, दलिया, खिचड़ी और रबड़ी जैसी  ठंडी चीजों को शामिल करें । बीमारी के बाद कमजोरी महसूस होने लगती है जिसके लिए पौष्टि आहार, फल जूस, दूध, दही, छाछ जैसे तरल पदार्थ दें 



2 लीटर पानी में 2 कप जई का आटा मिलाकर लगभग 15 मिनट तक उबालें, पके आटे को एक कॉटन के बैग में अच्छी तरह से बांधकर बॉथ टब में डालकर बच्चे को नहलाएं।आधा कप भूरे सिरके को पानी में डालकर नहाने से शरीर में हो रही खुजली से निजात पायी जा सकती है।

पीपल की 3 या 5 पत्तिया ले, पत्तियों की डंडी तोड़ दे, इन पत्तो को गिलास पानी में उबाले और एक चौथाई रहने पर इस को गुनगुना ही रोगी को पिलाये। ये प्रयोग 3 से 5 दिन तक हर रोज़ सुबह और शाम को करे। इस से चेचक, टाईफ़ाएड, और खसरा और आम बुखार में बेहद लाभ मिलता हैं।



अगर आपको अपनी खुजली से ज़्यादा ही पीड़ा और दर्द हो रहा है तो दुकान से एंटीहिस्टामिन्स लें। अगर यह स्थिति दवाई से ठीक हो तो किसी डॉक्टर की सलाह लें। वह आपको सही मात्रा में एंटीहिस्टामिन्स की खुराक देगा।



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