जीवन के किसी भी क्षेत्र
में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए अच्छी स्मरण शक्ति या मजबूत याददाश्त का होना नितांत
आवश्यक है, ख़ास तौर पर आज की प्रतियोगी दुनिया में यह बेहद ज़रूरी है। याददाश्त कमजोर होना एक आम बात है।
साधारण इंसान अपने दिमाग का सिर्फ 10-20% ही उपयोग करता है। भूलने की समस्या लगभग हर उम्र के लोगों में पाई जाती है। भूलने का मुख्य कारण एकाग्रता की कमी है।अधिकतर समस्या रिकाल करने में होती है क्योंकि हमारे दिमाग को रिकाल प्रोसेस के लिए जिन पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है उनकी हमारे शरीर में कमी हो जाती है ।कई बार कम उम्र में ही हमारी
याद्दाश्त कमजोर होती जाती है।
कारण
डाक्टरों के मुताबिक याददाश्त कम होना या फिर याददाश्त खो
जाना दो अलग बाते हैं, बुजुर्गो में यह समस्या 60 के बाद होती है, जिसे डिमेंशिया कहा
जाता है।
युवाओं में याददाश्त कम होने की वजहें अलग हैं, जैसे- अधिक तनाव, सिगरेट,
एल्कोहल या फिर अनियमित नींद। मार्ग दुर्घटना या फिर मस्तिष्क में टय़ूमर की वजह से
भी याददाश्त खो जाती है, लेकिन इन दो वजहों से याददाश्त खोने के कई सजिर्कल उपाय हैं।
यदि अनियमित दिनचर्या से याद रखने की क्षमता कम होती है तो उसे मेडिटेशन, योग या फिर
बेहतर डायट से ठीक किया जा सकता है। हालांकि याददाश्त बढ़ाने के लिए चिकित्सक दवाओं
के इस्तेमाल को सही नहीं मानते हैं।
आसन
पद्मासन योग
यदि आपको स्मरण शक्ति बढ़ाना है तो नियमित रूप से पद्मासन कीजिए। यह ध्यान का आसन प्राचीन काल से ही भारत में प्रचलित है। यह एक ऐसा आसन है जिससे आप न केवल खुद के मन को शांत रख पाएंगे बल्कि इसके जरिए आप अपने आत्मविश्वास में भी बढ़ोत्तरी कर पाएंगे। इतिहास में बड़े-बड़े विद्वान इस आसन को करके अपने मन को शांत रखते थे।
प्राणायाम
प्राणायाम एक
व्यायाम है और साथ ही यह सांस लेने की एक विशेष तकनीक है जिसका प्रयोग योग करने के
दौरान किया जाता है। इसमें मस्तिष्क का ध्यान सांस के अंदर लेने एवं बाहर छोड़ने की
गतिविधि पर केंद्रित किया जाता है। यह आपके मस्तिष्क एवं शरीर में ऑक्सीजन और ऊर्जा
की आपूर्ति के स्तर को बढ़ा देता है जो आपके सोचने की क्षमता को बेहतर बनाने एवं स्मरण
शक्ति को बढ़ाने में सहायक होता है।
भूचरी आसन
हाल में हुए एक शोध में वैज्ञानिकों ने माना है कि हर बात पर गूगल करने की हमारी फितरत हमारी याददाश्त के लिए बड़ा खतरा होती जा रही है और इसकी वजह से हमारी याददाश्त पिछली पीढ़ी के मुक़ाबले कम हो रही है । दिमाग तेज रखने और याददाश्त बढ़ाने के लिए जानिए, इस मुद्रा की सही विधि-
इसे करने के लिए सुखासन में यानी पालथी मारकर सीधे बैठें और कमर सीधी रखें। – अब हथेलियों को ऊपर की ओर करके अपनी जांघों या घुटनों पर रखें। आराम महसूस करें। – आंखें बंद करें और गहरी सांस लें व नाक से ही सांस छोड़ें। – एक हाथ उठाएं और अंगूठे से ऊपर के होठ को हल्का दबाएं, हथेली नीचे की ओर होनी चाहिए। कोहनी की सीध में उंगलियां हों। – अब आंखें खोलें और अपनी छोटी उंगली की ओर देखने का प्रयास करें, बिना पलक झपकाएं। – कोशिश करें कि 10 मिनट तक यह अभ्यास कर सकें और फिर सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
सुखासन योग
सुखासन तनाव को दूर करने का अच्छा उपाय है। योग के इस अवस्था को मेडिटेशन का भी नाम दिया जाता है। यह एक ऐसा योग है जिसके जरिए आप मानसिक और शारीरिक थकावट को दूर कर सकते हैं। इसके साथ ही यह आसन हमें शांति और आत्मानंद का अनुभव देता है और एकाग्र होने में सहायता करता है।
पश्चिमोत्तानासन
यह योगासन (इसमें आगे की ओर मुड़कर बैठने की मुद्रा
होती है) मनुष्य की स्मरण शक्ति को सुधारने के लिए परिक्षित एवं सिद्ध है। इस आसन द्वारा
मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है जिससे इसके कार्य करने की क्षमता में वृद्धि
हो जाती है। इस आसन को 'सुपर मस्तिष्क' योग के रूप में भी जाना जाता है। यह मन को शांत
करता है और एकाग्रता का स्तर बढ़ाता है।
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