खांसी सामान्यतः जुकाम और
फ्लू का साइड इफ़ेक्ट होती है, लेकिन यह एलर्जी, अस्थमा, एसिड रिफ्लक्स, शुष्क हवा
और कुछ दवाओं के कारण भी हो सकती है। आमतौर यह देखा जाता है कि खांसी शुरु होते ही लोग दवाइयां लेना शुरुकर देते हैं।प्राय: वे ऐसी दवाइया लेते हैं जो बाहर निकलने वाले बलगम को रोककर सुखा देती हैं । यह एक ऐसा हानिकारक उपाय हो सकता है जो रोग को निकालने के बजाय अन्दर ही और ज्यादा पनपाने का कारण बनता है।
प्रकार
* सुखी और तर खांसी
* बलगमी खांसी
* दमा खांसी
कारण
खांसी के कई कारण हो सकते हैं, जैसे वाइरल इंफेक्शन, सर्दी, फ्लू, धूम्रपान या अन्य रोग जैसे, अस्थमा, टीबी या फेफड़ों का कैंसर आदि।
उपाय
खूब पानी पियें
खांसी होने पर बजाय दवाई लेने के ऐसा उपाय करे जो जमे हुए बलगम को ढीला करके बाहर निकाल फेंके, और इसके लिए सबसे बेहतर उपाय है पानी का अधिकाधिक सेवन । यदि गुनगुना पानी पिया जाए तो और बेहतर। खांसी में अधिक पानी पीना किसी भी दवा से बेहतर उपाय है।
एकोनाइट 30, 200
खाँसी के प्रारम्भ होते ही सर्वप्रथम यही दवा देने मात्र से आराम हो जाता हैं । एकोनाइट किसी भी रोग-आक्रमण की प्रथम अवस्था में दी जाने वाली प्रमुख दवा है। लेकिन जब तक रोगी चिकित्सक के पास पहुँचता है, तब तक इस दवा के प्रयोग का समय निकल चुका होता है, ऐसी स्थिति में लक्षणानुसार अन्य दवा देनी चाहिये ।
इपिकाक 30
बार-बार खाँसी उठना, श्वास लेने में कष्ट, दम घोंटने वाली ऐसी खाँसी उठे जिसमें खाँसते-खाँसते वमन हो जाती हो, बार-बार साँस फूलती हो, हाथ-पाँव अकड़े तो लाभप्रद है ।
ब्रायोनिया 30
गले में सुरसुराहट के साथ सूखी खाँसी, खाना खाने के बाद खाँसी प्रारम्भ हो जाये तो लाभप्रद है | अगर रोगी को सोते समय विशेष रूप से खाँसी उठती हो तो इस दवा के साथ उसे पल्सेटिला 30 भी पर्यायक्रम से देनी चाहिये।
ड्रोसेरा 30
खाँसते समय पसलियों में दर्द हो, खाँसते-खाँसते रोगी का चेहरा एकदम लाल पड़ जाता हो, हँसने-बोलने से भी खाँसी बेहद बढ़ जाती हो तो इसका प्रयोग लाभप्रद हैं ।
शहद
शुद्ध शहद में ऐसे एंजाइम होते हैं जो कफ से राहत दिलाते हैं। सूखी खांसी को दूर करने के लिये आपको दिन में 1 चम्मच शहद 3 बार लेना होगा।
गरम पानी से गरारा करना
जब आप नमक मिले पानी से गरारा करते हैं तो गले का दर्द और खांसी तुरंत ही गायब हो जाती है। 1 गिलास गरम पानी में 1 चम्मच नमक मिला कर सुबह शाम गरारा करने से आराम मिलता है।
काढ़ा पियें
तुलसी के पत्ते, 5 काली मिर्च, 5 नग काला मनुक्का, 5 ग्राम चोकर (गेहूं के आटे का छान), 6 ग्राम मुलहठी, 3 ग्राम बनफशा के फूल लेकर 200 ग्राम पानी में उबाल लीजिए। जब पानी आधा हो जाए तो उसे ठंडा करके छान लीजिए। फिर गर्म करें और बताशे डालकर रात को सोते समय गरम-गरम पी लीजिए। इस खुराक को 3-4 दिन तक लेने से खांसी ठीक हो जाती है।
हल्दी
हल्दी एक परंपरागत खांसी की औषधि है जिसे खांसी में प्रयोग करने पर कई लोगों ने असरदार पाया है। एक गिलास गर्म दूध में आधी छोटी चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर प्रयोग करें। आप सूखी खांसी के लिए हल्दी पाउडर में एक छोटी चम्मच शहद मिलाकर भी प्रयोग कर सकते हैं। हल्दी की चाय बनाने के लिए, 4 कप उबलते हुए पानी में एक बड़ी चम्मच हल्दी पाउडर डालें | भाप में पकने दें। अब, अतिरिक्त रूप से खांसी में राहत पहुंचाने वाले गुणों के लिए थोड़ी शहद और नीम्बू मिलाएं |
अदरक
अदरक का रस (अदरक पीसकर कपडे में रखकर निचोड़ – छान) और शहद बराबर मात्रा में मिलाकर एक एक चम्मच की मात्रा से मामूली गर्म करके दिन में तीन चार बार चाटने से तीन चार दिन में ही कफ खांसी ठीक हो जाती हैं। बच्चो को सर्दी खांसी में इस मिश्रण की एक दो ऊँगली में जितना आ जाए, दिन में दो तीन बार चटाना ही प्रयाप्त हैं।
दो तीन दिन में ही आराम आ जायेगा। बुढ़ापे या कमज़ोरी
से दमा उठता हो तो इसे ज़रा गर्म करके ले। आठ दिन पीने से दमा खांसी मिटती हैं, श्वास
प्रणाली के रोगो के अतिरिक्त अंडकोष के वात (जिसमे अंडकोष फूल जाता हैं) और उदर(पेट)
के रोग भी अच्छे होते हैं। अरुचि मिटकर भूख लगती हैं। गला बैठ जाने पर इसे तनिक गर्म
करके दिन में दो बार पिलाने से बंद गला और जुकाम ठीक हो जाता हैं।
प्याज और शहद
एक कटोरी में प्याज का रस और शहद को अच्छी तरह से मिला लें और 1 टीस्पून सेवन करें। इस मिश्रण का दिन में 3-4 बार सेवन करने से कफ से राहत मिलती है।
किसी भी दवा का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
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