थायरॉइड शरीर में पाया जाने वाला एक अंग है। यह गले में, सामने की तरह उपस्थित होता है। यह एक प्रकार के हॉर्मोन का उत्पादन करता है, जो चयापचय, हृदय और तंत्रिका तंत्र, वजन, शरीर का तापमान और कई अन्य प्रक्रियाओं को नियंत्रित करने में सहायता करता है।
थायरायड ग्रंथि गर्दन
के सामने की ओर,श्वास नली के ऊपर एवं स्वर यन्त्र के दोनों तरफ दो भागों में बनी होती
है | एक स्वस्थ्य मनुष्य में थायरायड ग्रंथि का भार 25 से 50 ग्राम तक होता है | यह
‘ थाइराक्सिन ‘ नामक हार्मोन का उत्पादन करती है |
पैराथायरायड ग्रंथियां, थायरायड
ग्रंथि के ऊपर एवं मध्य भाग की ओर एक-एक जोड़े [ कुल चार ] में होती हैं | यह ” पैराथारमोन
” हार्मोन का उत्पादन करती हैं |
थायरॉइड की समस्या दो तरह का होती है -
हाइपोथायरॉयडिज्म (Hypothyroidism)
हाइपरथाइराइडिज्म में थायराइड हार्मोन के स्तर में वृद्धि होती है। इसमें थाइरोटॉक्सिकॉसिस
और ग्रेव्स रोग हो सकता है और तेजी से चयापचय होता है। इसमें विरोधी थायराइड दवाओं के द्वारा इलाज किया जाता है। हाइपरथाइराइडिज्म
का पता T3 और T4 के स्तर में वृद्धि और TSH के स्तर में कमी से चलता है।
हाइपरथायरॉइडिज्म (Hyperthyroidism)
हाइपोथायरायडिज्म में थायराइड हार्मोन के स्तर में कमी होती है। इसमें चयापचय की गति धीमी हो जाती है। हाइपोथायरायडिज्म में थायराइड हार्मोन की खुराक द्वारा इलाज किया जाता है, हाइपोथायरायडिज्म का पता T3 और T4 के स्तर में कमी और TSH के स्तर में वृद्धि से चलता है।
थायरायड की प्राकृतिक चिकित्सा
थायरॉइड के लिए हरे पत्ते वाले धनिये की ताजा चटनी बना कर एक बडा चम्मच एक गिलास पानी में घोल कर पिए रोजाना....एक दम ठीक हो जाएगा (बस धनिया देसी हो उसकी सुगन्ध अच्छी हो)
आहार चिकित्सा
सादा सुपाच्य भोजन,मट्ठा,दही,नारियल का पानी,मौसमी फल, ताजी हरी साग – सब्जियां, अंकुरित गेंहूँ, चोकर सहित आंटे की रोटी को अपने भोजन में शामिल करें |
परहेज
मिर्च-मसाला,तेल,अधिक नमक, चीनी, खटाई, चावल, मैदा, चाय, काफी, नशीली वस्तुओं, तली-भुनी चीजों, रबड़ी,मलाई, मांस, अंडा जैसे खाद्यों से परहेज रखें | अगर आप सफ़ेद नमक (समुन्द्री नमक) खाते है तो उसे तुरन्त बंद कर दे और सैंधा नमक ही खाने में प्रयोग करे, सिर्फ़ सैंधा नमक ही खाए सब जगह।
योग
मत्स्यासन-
थायरॉइड की समस्या को दूर करने के लिए मत्स्यासन बहुत लाभदायक है। इस आसान को करते वक्त आपके शरीर की मुद्रा मछली की तरह बनानी होती है। इस आसन को करने से आपके गले में खिंचाव पड़ता है और थायरॉइड ग्रन्थि पर दबाव बनता है। इसलिए इस आसान के नियमित अभ्यास से थायरॉइड की समस्या से छुटकारा मिलता है।
सूर्य नमस्कार
थायरॉइड रोग में सूर्य नमस्कार का भी विशेष महत्व है। सूर्य नमस्कार करते समय आपको गर्दन को आगे और पीछे की ओर करना पड़ता है और गहरी सांस लेनी और छोड़नी होती है। इस क्रिया को करने से थायरॉइड ग्रंथि पर दबाव पड़ता है जिससे उसके आसपास के स्नायु क्रियाशील होते हैं और थायरॉइड की समस्या में लाभ मिलता है।
good bloger
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