बालों का झड़ना
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में बालों का झड़ना जैसे आम बात हो गयी है। चाहे शहर हो या गांव बढ़ते प्रदूषण के कारण मनुष्य ही नहीं जानवरों के भी स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जिसमे मनुष्य के गंजेपन अर्थात बालों का झड़ना एक बड़ी समस्या बनती नजर आ रही है। किसी के कम बाल झड़ते हैं तो किसी के ज्यादा लेकिन बालों का झड़ना सभी के लिए एक समस्या है। चाहे आदमी हो या औरत , बच्चे हो या बूढ़े , सभी में बालों का झड़ना स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। बालों के गिरने के साथ साथ असमय ही बाल सफ़ेद भी हो जाते हैं। पुराने ज़माने में ये सब लक्षण बूढ़े होने अर्थात उम्र बढ़ने के कारण दिखाई देते थे किन्तु आजकल बच्चों के बाल भी सफ़ेद होने लगते हैं । बालों का झड़ना केवल बालों के स्वास्थ्य ही नहीं अपितु शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य में कमी को भी दर्शाता है। वैज्ञानिकों ने भी काफी समय से बालों के झड़ने की समस्या को रोकने के लिए कई प्रयास किए हैं जो कि बालों को अप्राकृतिक तरीके से उगाने में काफी हद तक सफल भी हुए हैं। परन्तु प्राकृतिक रूप से बालों का झड़ना रोकने के लिए भी हमारे भारत में कई देसी और घरेलु नुस्खे बताये जाते हैं। आइये जानते हैं उन प्राकृतिक उपायों के बारे में जो वास्तव में कारगर हैं।
बालों की संरचना
बालों को झड़ने से रोकने के लिए जरुरी है कि हम जानें कि बालों के बनने में कौन से तत्व भाग लेते हैं। इसलिए पहले बालों की संरचना के बारे में भी जान लें -
एक बाल में दो मुख्य भाग होते हैं -
१. जड़
२. शाफ़्ट
जैसे कि पेड़ के बनने में जड़ से तने तक का योगदान होता है उसी प्रकार से एक बाल के बनने में जड़ से शाफ़्ट तक का योगदान होता है।
"बाल की खाल निकालना " तो आपने अवश्य ही सुना होगा अर्थात किसी बात की तह तक जाना। ठीक उसी प्रकार बालों की तह होती है उनकी जड़।
जड़ बाल का वह मुख्य भाग होती है जो हमारे सिर की त्वचा के अंदर होती है और हमें दिखाई नहीं देती है। जबकि शाफ़्ट सिर के ऊपर का भाग होती है जिसे हम देख सकते हैं ।
एक बाल के तीन मुख्य भाग होते हैं -
१. क्यूटिकल - यह बालों की सबसे बाहरी सतह होती है जिसे हम देखते हैं।
२. कॉर्टेक्स - यह बालों के अंदर की सतह होती है। इसमें ९० % भाग प्रोटीन होता है। ये प्रोटीन अमीनो एसिड से बने होते हैं। अमीनो एसिड्स विभिन्न पेप्टाइड बंधो से बने होते हैं। ये बंध सीढ़ीनुमा आकृति में नीचे से ऊपर की तरफ बनते जाते हैं।
इसके अलावा C, O, H, N & S प्रमुख तत्व होते हैं। आम तौर पर मनुष्य के बालों में इनका प्रतिशत कुछ इस तरह होता है -
C- कार्बन - ५१ %
O- ऑक्सीजन -२१%
H- हाइड्रोजन - ६ %
N- नाइट्रोजन - १७ %
S- सल्फर - ५%
३. मेड्यूला - यह बालों का सबसे मध्य भाग अर्थात आंतरिक भाग होता है। ये केवल लम्बे घने बालों में होता है। पतले बालों में ये अनुपस्थित होता है।
बालों की संरचना का निर्माण हेयर फॉलिकल से प्रारम्भ होता है। हेयर फॉलिकल एक ट्यूब के आकर की संरचना है जिसमे बालों की जड़ , छोटी मांसपेशियां और त्वग्वसीय ग्रंथिया होती हैं। सबसे पहले एक डर्मिस पोषक तत्व ग्रहण कर हेयर बल्ब बनता है जो बालों के विकास का प्रथम चरण होता है। हेयर बल्ब बालों की संरचना का निम्न भाग होता है। जिसमे बालों की कोशिकाएं संगठित होकर एक हेयर शाफ़्ट का निर्माण करती हैं। हेयर फॉलिकल में छोटी-छोटी मांसपेशियां होती हैं जो अत्यधिक ठण्ड या डर लगने के कारण सिकुड़ जाती है जिससे बाल सीधे खड़े हो जाते हैं। इस स्थिति को हम "गूस बम्प्स" के नाम से भी जानते हैं। बालों एवं सिर की त्वचा को नमी प्रदान करने के लिए त्वग्वसीय ग्रंथिया ( Sebaceous glands ) एक तैलीय पदार्थ ( सीबम ) का स्राव करती हैं।
बालों के गिरने के मुख्य कारण -
१. पुरुषों में टेस्ट्रोस्ट्रॉन की मात्रा बढ़ने से डाई हाइड्रो टेस्ट्रोस्ट्रॉन ( DHT ) बनता है जो हेयर फॉलिकल में जाकर जड़ों को बंद कर देता है और बालों के विकास को रोक देता है। यह केवल पुरुषों में ही होता है।
२. आनुवंशिक गुणों के कारण भी बाल कम हो सकते हैं ।
३. महिलाएं बालों को अक्सर कस कर बांध लेती हैं जो बालों में तनाव पैदा करता है यह बालों के गिरने का मुख्य कारण है।
४. महिलाओं में गर्भ के समय भी बाल गिरने की समस्या देखी जा सकती है।
५. अत्यधिक व्यायाम करने के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं।
६. पोषक तत्वों की कमी के कारण भी बालों के स्वास्थ्य में अंतर साफ देखा जा सकता है।
७. पानी में परिवर्तन होने के कारण भी आप बाल झड़ने की समस्या से परेशान हो सकते हैं।
८. प्रदूषित वातावरण में रहने से न केवल आपके शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है अपितु मानसिक रूप से भी आप परिवर्तन महसूस कर सकते हैं।
९. ख़राब जीवनशैली के कारण भी आपके बाल असमय गिर सकते हैं।
१०. बढ़ती उम्र के कारण आपके बाल सफ़ेद और पतले होते जाते हैं।
एक बाल औसतन हर महीने आधा इंच बढ़ता है जो की ३ से ५ महीनो में अपनी ९० % लम्बाई प्राप्त कर लेता है। कुछ सालों तक धीरे धीरे बढ़ने के बाद गिरने से ३-४ महीने पहले यह विराम की स्तिथि में आ जाता है फिर बालों के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। बालों के बढ़ने की गति सबके लिए अलग होती है। यह उनके शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर निर्भर करती है। हर व्यक्ति के प्रतिदिन ३-४ बाल गिरना साधारण बात है परन्तु यदि यह संख्या १० से ज्यादा हो और आपके सिर पर वृत्ताकार आकृति में खाली जगह दिखाई देने लगे तो समझ जाइये के आप भी गंजेपन के शिकार हो रहे हैं। सभी बाल एक समय पर निर्माण चक्र की अलग अलग अवस्था में होते हैं इसलिए आप एक दम से पूरे गंजे नहीं होते हैं। जैसे जैसे उम्र बढ़ती है बाल विराम स्तिथि तक पहुँच जाते हैं और अंततः गिर जाते हैं।
पुरुषों में यह खाली जगह कनपटी या शीर्ष से शुरू होती है वहीँ महिलाओं में ललाट या पार्श्विक भाग से शुरू
होती है।
उपचार
१. अलसी
जिन पुरुषों को DHT की समस्या होती है अर्थात उनके शरीर में टेस्ट्रोस्ट्रॉन की मात्रा जरुरत से ज्यादा हो जाती है तो वे कमजोर और शारीरिक रूप से दुर्बल महसूस करते हैं और हॉर्मोन उत्सर्जन ज्यादा होने की वजह से मांसपेशियों में खिचाव महसूस कर सकते हैं। ऐसी अवस्था से निजात पाने के लिए अलसी का सेवन करना चाहिए। यह आपके शरीर में उन एंजाइम को टेस्ट्रोस्ट्रॉन बनाने से रोकेगी जो बाल झड़ने के लिए जिम्मेदार हैं लेकिन ध्यान रहे इसका सेवन ज्यादा न करें क्योंकि टेस्ट्रोस्ट्रॉन की मात्रा कम होना भी सेहत के लिए नुकसानदायक है।
२. ग्रीन टी
ग्रीन टी विटामिन और एंटीऑक्सिडेंट् तत्वों से भरपूर है जो हेयर फॉलिकल में रक्त के बहाव को बढ़ाते हैं जिससे बालों को मजबूती मिलती है और साथ ही यह DHT के लिए भी उपयोगी है।
इसके लिए आप सबसे पहले आधा गिलास पानी को गुनगुना कर लें। अब इसमें टी बैग डाले। पूरा पानी पीला होने तक डिप करते रहें। अब इसे एक स्प्रे बोतल में भर लें । नहाने से १५-२० मिनट पहले इसे अपने बालों में लगाएँ और कुछ देर के लिए छोड़ दें ।
याद रहे गरम तरल आपके बालों को कमजोर कर देता है इसलिए ठंडा पानी ही प्रयोग करें। अब इसे कंडीशनर से धो ले।
ऐसा करने से न सिर्फ आपके बालों का झड़ना कम हो जायेगा बल्कि आपके बाल चमकदार और मुलायम हो जायेंगे।
३. नारियल
नारियल में प्रोटीन , वसा , पोटैशियम और आयरन भरपूर मात्रा में होता है। इसलिए हम इसका इस्तेमाल अपने बालों को मजबूती प्रदान करने के लिए अलग अलग तरीके से कर सकते हैं -
नारियल का तेल
बालों एवं सिर की त्वचा को प्राकृतिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए हम नारियल तेल इस्तेमाल कर सकते हैं। नारियल का तेल न केवल बालों के विकास में मदद करता है बल्कि साथ ही डैंड्रफ ( मृत त्वचा) को हटाने में भी मदद करता है। नारियल तेल बालों में प्रोटीन की कमी को पूरा करता है साथ ही हेयर शाफ़्ट को मजबूत बनाता है।
नारियल तेल की बोतल को कुछ देर के लिए गरम पानी में घुमाये जिससे तेल गुनगुना हो जायेगा। अब इस गुनगुने तेल से अपने सर की त्वचा पर अपनी उँगलियों के ऊपरी शिरे से तेल लगाए। ध्यान रहे उँगलियों को गोल गोल धीरे धीरे घुमाये। अपने सर की १० मिनट तक मालिश करें। यह प्रक्रिया बालों की जड़ों में रक्त के वहाब को बढ़एगी इसलिए जल्दबाजी न करें। १ घंटे बाद या सुबह गुनगुने पानी से अपने सर को धो ले। ऐसा हफ्ते में तीन बार जरूर करें। याद रहे तेल ज्यादा दिनों तक न लगा रहने दे अन्यथा यह छिद्रों को बंद कर देता है जो डैंड्रफ के बढ़ने का कारण बनेगी।
नारियल का पेस्ट
नारियल के सफ़ेद भाग को बारीक़ पीस लें । अब इसमें थोड़ा सा पानी मिला कर गाढ़ा पेस्ट बना लें । इस पेस्ट को अपने बालों की जड़ों में लगाएँ । अपने सर को हेयर मास्क से ढक ले। रात भर लगा रहने दे। सुबह शैम्पू से अपने बालों को अच्छी तरह धो लें ।
याद रहे केमिकल बाले शैम्पू का प्रयोग न करें।
४. एलो वेरा
एलोवेरा में प्रोटिओलिटिक एंजाइम होते हैं जो त्वचा में उपस्थित मृत कोशिकाओं को पुनर्जीवन देने में सक्षम होते हैं। एलोवेरा बालों के लिए औषधि ही नहीं अपितु कंडीशनर का भी काम करता है। यह बालों की विकास की गति को बढ़ाता है , खुजली को रोकता है , रुसी कम करता है तथा बालों को कंडीशन करके मुलायम और चमकदार बनाता है।
इसके लिए सबसे पहले एक ताजी एलोवेरा की पत्ती लें और अच्छी तरह धो लें । अब इसकी किनारी काटकर एक कटोरी में सारा जैल निकाल लें । इसे अच्छी तरह फेंट लें ।
अब २ चम्मच पिसे हुए अदरक और लहसुन का पेस्ट बनाये और कपडे में से छानकर एलोवेरा जैल में मिलाएं।
लहसुन और अदरक न केवल रूखी और बेजान त्वचा को सिर से हटाने में मदद करती है बल्कि इसमें उपस्थित एंटी इंफ्लेमेटरी तथा एंटीसेप्टिक गुणों के कारण यह बालों को जड़ों से मजबूती प्रदान करता है तथा सिर की त्वचा को रुसी मुक्त भी रखता है।
अब इसमें २ चम्मच जैतून का तेल ( Olive Oil ) मिलायें ।
जैतून का तेल बालों को सीधा रखता है और कंडीशन करके चमक लाता है।
अब इस मिश्रण को अच्छी तरह फेंट लें या ब्लेंडर से ब्लेंड कर लें।
आपके बालों का सुरक्षा कवच तैयार है। अब इसे अपने बालों की जड़ों से शिरों तक लगाए। ३० मिनट के बाद बालों को शैम्पू से धो लें ।
याद रखें बहुत ज्यादा शैम्पू न लगाएं , केवल गंध खत्म करने के लिए ही थोड़ा सा शैम्पू प्रयोग करें।
५. हिना हर्बल पैक
अच्छी क्वालिटी की मेहँदी ख़रीदे जो आपके बालों को सूट करती हो। इसे एक कटोरे में निकाल लें। अब कुछ कड़ी पत्ते पानी म डाल कर उबलने रख दें । जैसे ही पानी पीला होने लगे गैस बंद करके इस पानी को छान लें और ठंडा होने दें। जब तक आप मेहँदी पाऊडर में २ चम्मच दही और आधा निम्बू निचोड़ के डाल दें । अब इस कड़ी पत्ते वाले पानी को इसमें मिलाएं और गाढ़ा पेस्ट तैयार करें। बचे हुए कड़ी पत्ते के पानी को एक बोतल में भर के फ्रिज में रख दें । अगली बार बाल धोने के बाद इस पानी से भी बाल धोकर देखें आपको फ़र्क़ अवश्य नजर आएगा।
आप चाहे तो यह पैक रात में लगाकर सुबह भी धो सकती हैं लेकिन दिन में १-२ घंटे लगाकर धो लें तो ज्यादा अच्छा रहता है। मेहँदी को सूखने न दें अन्यथा आपके सिर की त्वचा रूखी हो सकती है।
मेहँदी आपके बालों के लिए बहुत लाभकारी है। प्राचीन काल से ही इसका उपयोग बालों की सुंदरता बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। यह न केवल बालों को स्वस्थ बनाती है बल्कि उन्हें नया रंग भी प्रदान करती है।
याद रहे यह पैक लगाने से पहले बालों को धूल और रुसी से मुक्त कर लें । गंदे बालों में मेहंदी न लगाएं।
गर्मियों के मौसम में इस पैक का प्रयोग सर को ठंडक प्रदान करने के लिए भी किया जाता है। मेहंदी में उपस्थित रंग सफ़ेद बालों को भूरा कर देते हैं। अगर आप मेहंदी में रीठा मिला कर लगाते हैं तो आपके बाल सफ़ेद से काले तो होंगे ही साथ ही उनकी चमक और मजबूती सदा के लिए बनी रहेगी।
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६. जीवनशैली बदलें
आजकल की जीवनशैली पुराने ज़माने से बहुत अलग है। बच्चों में पहले की अपेक्षा ज्यादा भागदौड़ हो गयी है। बचपन से ही पहले स्कूल की रेस में फिर धीरे धीरे जिंदगी की दौड़ में भागने लगती है। भागदौड़ वाली इस जिंदगी में हम अपने शरीर की देखभाल करना भूल जाते हैं और धीरे धीरे कुपोषण के शिकार हो जाते हैं। प्रदूषित हवा , ख़राब पानी , और तैलीय व वसा युक्त भोजन शरीर को पूरा पोषण नहीं दे पाता है । ऐसे में आपका शरीर पहले उन अंगों को पोषक तत्व पहुंचाता है जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरुरत होती है। इस प्रक्रिया में वह बालों को अंतिम चरण पर रखता है क्योंकि बालों के गिरने से आपके शरीर की शारीरिक व मानसिक प्रक्रिया में बाधा नहीं पहुँचती है और समस्त अंग सुचारु रूप से कार्य करते रहते हैं।आजकल महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा बाल पतले होने की समस्या होती है , इसका कारण यह है कि आजकल महिलाएं पुरुषों की बराबरी से हर क्षेत्र में अपने कदम बढ़ा रहीं हैं जिसके लिए वो अपनी क्षमता से अधिक काम करती हैं जिनमे से कुछ महिलाएं तनाव और कुपोषण की शिकार हो जाती हैं जिसकी वजह से उनके बालों को भरपूर पोषण नहीं मिल पाता और वह दिन प्रतिदिन पतले होते जाते हैं और अंततः टूट कर गिरने लगते हैं।
अतः हमें जरुरत है अपनी जीवनशैली में बदलाव लाने की , भरपूर नींद ले , उचित मात्रा में आहार ले , विटामिन A, D, E & K का सेवन करें। धूप में न घूमें , ये आपकी त्वचा को काला और बालों को सफ़ेद बना देती है। बालों को कभी भी बहुत ज्यादा गरम और कठोर जल से नहीं धोना चाहिए ये आपके बालों को बेजान बना देते हैं। बालों को कसकर न बांधे , ये जड़ों को कमजोर बनाता है। हफ्ते में एक बार तेल मालिश जरूर करें ताकि बालों को नमी मिल सके। गीले बालों को धूल मिट्टी में न ले जायें । बच्चों के बालों में हर रोज मालिश करें और सुबह हर्बल शैम्पू से धो कर कंडीशन जरूर करें। बचपन से ही बालों को साफ रखने की आदत डालें। केमिकल युक्त शैम्पू, कंडीशनर, हेयर कलर और तेल का प्रयोग कदापि न करें।
बालों को किसी प्रकार की दवाई की जरुरत नहीं है बस जरुरत है तो उचित आहार और देखभाल की। अपने मानसिक तनाव को दूर करने के लिए रोज सुबह पार्क में जायें और ताज़ी हवा ले या फिर घर पर ही प्राणायाम करें।
याद रखें अत्यधिक व्यायाम भी बालों के झड़ने का कारण हो सकता है इसलिए अपने शरीर के हिसाब से ही व्यायाम करें। जिम जाकर अत्यधिक व्यायाम न करें।
७. प्याज का रस
बालों की गिरने की समस्या ही नहीं अपितु बालों की सभी प्रकार की समस्याओं के लिए प्याज एकदम वरदान है। असमय बालों का सफ़ेद होना , रुसी होना और गंजेपन की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए प्याज का प्रयोग करते हैं।
वैसे तो प्याज आम तौर पर सभी घरों में खाने में इस्तेमाल होता है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जो प्याज से परहेज करते हैं।
प्याज में सल्फर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो बालों की संरचना में भाग ले रहे "डाई सल्फाइड बंध" को मजबूत बनाता है और बालों को गिरने से रोकता है।
अगर आप प्याज का रस नियमित रूप से अपने बालों में लगाते हैं तो आपके बालों के बढ़ने की रफ़्तार दोगुनी हो जाती है।
आइये जानते हैं की कैसे प्याज का रस आपके बालों के रंग व विकास को बढ़ाता है।
सबसे पहले ३-४ प्याज छीलकर अच्छे से धो लें। अब इन्हे बारीक़ पीस लें। अब इस पीसी हुई प्याज को एक सूती कपड़े में लपेटकर साफ बर्तन में निचोड़ें ।
अब इस रस को अपने बालों में आधे घंटे के लिए लगा रहने दें । इसके बाद शैम्पू से धो लें।
हफ्ते में तीन बार इस विधि का प्रयोग करें और धीरे धीरे परिवर्तन देखें। प्राकृतिक तरीके से किये गए उपचार देर से असर करते हैं लेकिन ये उपचार समस्या को जड़ से खत्म कर देते हैं।
बालों को दोबारा उगाने के लिए २ चम्मच शहद में एक चौथाई कप प्याज का रस डालें। अब इन्हें अच्छे से मिलाकर अपने बालों में लगाएँ और कुछ देर बाद धो लें ।
शहद बालों को घनत्व प्रदान करता है जिससे बाल घने और लम्बे होते हैं।
इसके अलावा आप प्याज को ओलिव आयल के साथ भी लगा सकते हैं। एक चौथाई प्याज के रस में एक चम्मच ओलिव आयल और एक चम्मच नारियल तेल मिला लें। इस मिश्रण को आप हल्के हाँथों से अपने बालो की शाफ़्ट पर ही लगाए जड़ों में नहीं। २ घंटे के लिए ऐसे ही लगा रहने दें फिर शैम्पू से धो लें । इससे आपके बालों की शाफ़्ट मजबूत होगी जिससे दो मुँहें और बेजान बालों से निजात मिलेगी।
बालों को चमकदार और घना बनाने के लिए आप प्याज के रस को बीयर के साथ भी लगा सकते हैं।
इसके लिए आप प्याज को बारीक़ पीस लें और फिर १ चम्मच प्याज के गूदे को बीयर और नारियल तेल में मिलाएं। अब इस मिश्रण को १ घंटे तक बालों में लगा रहने दें फिर शैम्पू से धो लें ।
८. अंडे
स्वस्थ बालों के लिए अंडा एक अच्छा श्रोत है। इसमें बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन होता है जो की कॉर्टेक्स में उपस्थित पेप्टाइड बंध को बनाने के लिए आवश्यक होता है। प्रदूषण की वजह से प्रोटीन की सही मात्रा बालों तक नहीं पहुँच पाती है और बाल ड्राई होकर गिरने लगते हैं।
अंडे का उपयोग करने के लिए सबसे पहले एक अंडा लें और उसे एक कटोरी में तोड़ ले। पीले वाले भाग को ही कटोरी में रखें , अब इसमें ५-६ चम्मच पानी मिलाएं और फेंट लें।
अब इस मिश्रण को अपने बालों की जड़ों में लगाएं और अच्छी तरह से मालिश करें फिर १ घंटे के लिए छोड़ दें फिर शैम्पू से धो लें।
अंडे में विटामिन A, B, फॉस्फोरस , कैल्शियम , सेलेनियम , प्रोटीन और आयरन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। ये बालों को जड़ से शिरों तक मजबूती प्रदान करते हैं।
याद रखें इसका प्रयोग केवल महीने में दो बार ही करें , इससे ज्यादा न करें।
बालों का बढ़ना, चमकते रहना , घने होना और काले रहना ये सब आपके स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। हमेशा अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखे।
जब पैसों के लिए की जाने वाली जिंदगी की भागदौड़ का मुख्य उद्देश्य पेट भरना ही है तो क्यों न हम एक स्वस्थ दिनचर्या के साथ इस दौड़ में भाग ले और एक स्वस्थ समाज का निर्माण करें।
great article , thanks namrata srivastava ji
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