कई लोग ऐसे होते हैं जो बिस्तर पर जाते ही सो जाते हैं पर कुछ ऐसे भी होते हैं जिन्हें नींद न आने, बेचैन रहने जैसी समस्याएं होती हैं. ऐसे लोग सोना तो चाहते हैं लेकिन किन्हीं कारणों से न तो उनकी नींद पूरी हो पाती है और न ही वो चैन की नींद ले पाते हैं. कच्ची नींद होने की कई वजहें हो सकती हैं!
क्या होती है अनिद्रा
अनिद्रा का मतलब है सोने में मुश्किल होना या रात को नींद न आना. इसका एक रूप है, स्लीप-मेंटीनेंस इन्सोम्निया, यानी सोये रहने में कठिनाई या बहुत जल्दी जाग जाना और दोबारा सोने में मुश्किल. पर्याप्त नींद न मिलने पर चिंता बढ़ जाती है, जिससे नींद में हस्तक्षेप होता है और यह दुष्चक्र चलता रहता है. उच्च रक्तचाप, कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर, डायबिटीज व अन्य बीमारियों से भी अनिद्रा का सीधा संबंध है.
क्यों होती है अनिद्रा
जीवनशैली से जुड़ी आदतों के चलते अनिद्रा की शिकायत हो सकती है. अनिद्रा को आमतौर पर एक लक्षण के रूप में देखा जाता है. अनिद्रा या नींद न आने की समस्या इस बात की ओर इशारा कर सकती है कि आप मानसिक रूप से परेशान या अस्वस्थ हैं. अक्सर मनोचिकित्सा विकार का सामना कर रहे लोगों को नींद आने में लगातार कठिनाई होती है.
अनिद्रा के प्रमुख लक्षण
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रात में आंख खुलना यानी बार-बार नींद का टूट जाना।
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नींद आने में परेशानी होना और सोने की लाख कोशिशों के बावजूद भी नींद का न आना।
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दिन में नींद आते रहना और रात को नींद उड़ जाना।
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एक बार नींद खुलने के बाद दोबारा न आना।
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सुबह उठने के बाद फ्रेश महसूस न होना और थकान लगना।
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दिन भर चिड़चिड़ापन रहना।
नींद संबंधी बीमारियों में से सबसे ज्यादा लोगों में पाई जाने वाली बीमारी है इंसोमेनिया. आइए, एक नजर डालते हैं ऐसी कई बीमारियों पर-
1. स्लीप एपनोया
यह नींद से जुड़ा एक गंभीर विकार है, जिसमें खून में ऑक्सीजन की कमी से सांस लेने में परेशानी होती है. इसमें अचानक से सांस रुक जाती है और फिर एकाएक आने लगती है. इससे मस्तिष्क और शरीर के अन्य हिस्सों में ऑक्सीजन का प्रवाह प्रभावित होता है, जिससे अच्छी नींद लेने में समस्या आती है. खर्राटे लेना, घरघराहट और उठने पर मुंह का सूखा होना इसके सामान्य लक्षण हैं.
2. रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम
इस विकार में मरीज अक्सर अपने पैरों को हिलाता रहता है. वे जब भी सोने जाते हैं तो उन्हें पैरों में जलन महसूस होती है जिससे उन्हें अच्छी नींद लेने में परेशानी होती है.
3. स्लिप पैरालिसिस
स्लीप पैरालिसिस एक विकार है जहां एक व्यक्ति जागने और सोते समय हिलने या बोलने में असमर्थ होता है. मरीजों को एक निश्चित दबाव और तत्काल भय का अनुभव होता है, कई बार इससे पीड़ित लोग सचेतन में होते हैं, लेकिन फिर भी वे हिलने-डुलने में असमर्थ होते हैं.
4. सर्कैडियन रिदम डिसऑर्डर
इस बीमारी में मरीजों का इंटरनल बायोलॉजिकल क्लॉक बाहरी समय के साथ समन्वय नहीं बिठा पाता है. इसमें सोने के समय को लेकर मरीज की दिमागी घड़ी कुछ घंटे पीछे चल रही होती है. जो लोग नाइट सिफ्ट करते हैं, उनके साथ ऐसा अक्सर होता है.
5. इंसोमेनिया
सामान्यत: इस तरह के अनिद्रा विकार में मरीजों को नींद आने और नियमित तौर पर पूरी नींद लेने में परेशानी होती है. ऐसे में पूरे दिन उनमें ऊर्जा की कमी नजर आती है.
अच्छी नींद के उपाय:
1. ये ड्रिंक्स हैं नींद में मददगार
ड्रिंक से हमारा मतलब एल्कोहॉल से नहीं है। ये आपकी नींद में खलल डालने का काम करती है। अच्छी नींद के लिए आप सोने से पहले गर्म दूध, कैमोमाइल टी और चैरी जूस बेहतर विकल्प हैं। माना जाता है कि गुनगुने दूध में एमिनो एसिड ट्रायटोफन नामक पदार्थ होता है जो नींद को उत्तेजित करता है। यही कारण है कि सोने से पहले अच्छी नींद के लिए दूध पीने की सलाह दी जाती है। कैमोमाइल टी में फ्लेवोनॉयड पाए जाते हैं, जो मस्तिष्क में बेंजोडाइजेपाइन रिसेप्टर्स से मिलकर अच्छी नींद में मदद करते हैं। कैमोमाइल टी में ग्रीन टी की तरह कैफीन नहीं होता है। इसके अलावा चेरी जूस मेलाटोनिन के उत्पादन को बढ़ाता है। मेलाटोनिन नींद चक्र को बनाए रखने में मदद करता है।
2. एक्सरसाइज है अच्छा उपाय
व्यायाम करने से भी आप बेहतर नींद पा सकते हैं। कई रिसर्च में भी इस बात की पुष्टि हुई है। एक्सरसाइज करने से आपको गहरी नींद आने में मदद होती है। इसके लिए आप एरोबिक्स का सहारा ले सकते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि आप किसी भी समय एक्सरसाइज कर लें। आपको एक्सरसाइज के समय पर भी ध्यान देना होगा। एरोबिक्स ब्रेन में एंडोरफिन नामक फील गुड केमिकल रिलीज करती है। आप योगा भी कर सकते हैं। रोजाना
20 से 30 मिनट एक्सरसाइज करें। हालांकि बिस्तर पर जाने से 2 से 3
घंटे पहले किसी तरह की कोई एक्सरसाइज न करें। इससे आप पर उल्टा असर होगा।
3. हाथों और पैरों को अच्छे से साफ करें
यूं तो दिनभर बाहर रहने के बाद जब घर पहुंचें तो हाथ, मुंह और पैर को अच्छे से साफ करना चाहिए। ये आपको अच्छी नींद में भी मदद करता है। चाहें तो बिस्तर पर जाने के बाद तलवों पर सरसों का तेल भी लगा सकते हैं। इससे शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है और थकान दूर होती है। ये आपके दिमाग को शांत और स्थिर करता है साथ ही अच्छी नींद के लिए प्रोत्साहित भी करता है।
4. बिस्तर पर न करें इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल
बिस्तर पर जाने के बाद बहुत सारे लोग फोन, टीवी या लैपटॉप में लग जाते हैं। सोने से एक घंटे पहले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को खुद से दूर कर दें। यदि आपकी रात को आंख खुलती भी है तो आप फोन की जगह फ्लैश लाइट का इस्तेमाल करें। कमरे में जितना हो सके अंधेरा रखें। लाइट हमारे मस्तिष्क को उठाने का समय बताती है। यदि कमरे में मोबाइल या लैपटॉप की थोड़ी भी रोशनी होगी तो इससे मेलाटोनिन का उत्पादन बाधित होगा। साथ ही आपकी नींद उड़ जाएगी।
5. सोने से पहले गर्म पानी से शॉवर लें
बिस्तर पर जाने से पहले गर्म पानी से शॉवर लेने से दिनभर की थकान दूर होने के साथ अच्छी नींद आने में मदद होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि दिनभर शरीर का तापमान बदलता रहता है। कब सोने का और कब उठने का समय है इसके लिए दिमाग हमारे शरीर के तापमान पर निर्भर रहता है। रात के समय हमारे शरीर का तापमान थोड़ा ठंडा हो जाता है जो मस्तिष्क को बताता है कि यह मेलाटोनिन केमिकल को बनाने का समय है जो नींद में मदद करता है। शरीर का तापमान सुबह के समय सबसे कम होता है जो शरीर को नींद से जगाने के लिए तैयार करता है।
6. कपड़ों का रखें खास ख्याल
सोते समय सही कपड़ों का चुनाव करना भी बेहद जरूरी है। नींद में किसी तरह का खलल न पड़े, इसके लिए ऐसे कपड़े पहनें जो आरामदायक हों। यदि आप शरीर से चिपके कपड़े पहनकर सोएंगे तो इससे आपको सोने में परेशानी होगी। कोशिश करें कॉटन के कपड़ों का चयन करें।
7. मैग्नीशियम और नींद का संबंध
मैग्नीशियम और नींद आपस में जुड़े हुए हैं। यदि आपके शरीर में मैग्नीशियम की कमी है तो आपको अच्छी नींद नहीं आएगी। मैग्नीशियम हमारे शरीर को आराम पहुंचाने के साथ अच्छी नींद में मदद करता है। हरी सब्जियां, कद्दू के बीज और बादाम मैग्नीशियम के अच्छे स्रोत हैं। यदि आप मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स ले रहे हैं तो एक बार अपने डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें। क्योंकि हो सकता है आप दो दूसरी दवाएं ले रहे हैं उनके साथ ये इंटरैक्ट करें जिससे सेहत पर बुरा असर भी पड़ सकता है।
8. हेल्दी स्नैक्स का आहार
अच्छी नींद के लिए प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट युक्त स्नैक्स का सेवन करें। इसके लिए आप चाहे तो आधा केला और एक टेबलस्पून पीनट बटर ले सकते हैं। सोने से आधे घंटे पहले इसका सेवन करने से आपको बेहतर नींद आएगी।
9. नींद न आए तो खड़े हो जाएं
शोधकर्ताओं की मानें तो यदि आपको बिस्तर पर जाने के बाद आधे घंटे तक नींद नहीं आती है तो खड़े हो जाएं और बेडरूम से बाहर जाकर किताब पढ़ें। कमरे में तभी वापस लौटें जब आप थकान महसूस करें और आपको नींद आ रही हो।
10. डाइट में करें ये बदलाव
अपनी डाइट से कैफीन युक्त चीजों जैसे कॉफी, चाय, सॉफ्ट ड्रिंक्स और चॉकलेट को बाहर कर दें। डिनर को जितना हो सकें उतना हल्का रखें। मसालेदार और हेवी फूड एवॉइड करें। इससे आपको सीने में जलन और अपच की परेशानी हो सकती है। इस कारण आपको नींद भी नहीं आएगी। सोने से कुछ घंटे पहले डिनर ले लें।
अच्छी नींद हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। यदि आपको लगता है आप नींद पूरी नहीं ले पा रहे हैं या फिर आपको अच्छी नींद नहीं आ रही है तो आपको इन आसान घरेलू उपायों का सहारा लेना चाहिए जो आपकी इस परेशानी को दूर करने में मदद करेंगे।
कुछ अन्य महत्वपूर्ण टिप्स:
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रात को सोने से पहले तलवे पर सरसो के तेल की मालिश से भी अच्छी नींद आती है और दिमाग शांत होता है.
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रात को सोने से पहले अच्छी तरह अपने हाथ-पैर साफ कर लें. साथ ही ये भी निश्चित कर लें कि आपके सोने की जगह साफ-सुथरी हो.
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संगीत सुनते हुए सोने या किताब पढ़ते हुए सोने से भी अच्छी नींद आती है.
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अपने दिमाग को शांत करें और सकारातमक सोच के साथ पलंग पर जाएं.
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